श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय....
एक दन्त दयावन्त चार भुजा धारी, माथे सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी ॥
जय....
अन्धन को आँख देत कोढ़िन को काया, बाँझत को पुत्र देत निर्धन को माया॥
जय....
हार चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा, लड्डुअन का भोग लगे सन्त करे सेवा॥
जय....
दीनन की लाज राखो, शम्भु पुत्र वारी, मनोरथ को पूरा करो, जय बलिहारी॥
जय....